Tuesday, May 27, 2014

' तरुण के स्वप्न' से.....

भारतीय पति -पत्नी एक दूसरे दो अलग-अलग  परछाइयाँ होते हैं - दो अलग-अलग शख्सियत जो डॉ रेल की पटरियों की तरह सदा जुदा रहते हैं और जिन पर ज़िन्दगी की गाड़ी दौड़ती है.

इस संसार में हर वस्तु नाश को प्राप्त होती है. और होगी- किन्तु विचार, आदर्श तथा स्वप्न नष्ट नहीं होते. किसी एक व्यक्ति को भले ही एक विचार के लिए मरना पड़े - किन्तु उसकी मृत्यु के उपरांत वह विचार हजारों व्यक्तियों के रूप में अवतरित होगा. इसी प्रकार विकास का चक्र घूमता रहता है और एक पीढ़ी अपने विचारों और स्वप्नों को दूसरी पीढ़ी को विरासत के रूप में देती रहती है.