Tuesday, June 3, 2014

होठों से छू लो तुम

होठों से छू लो तुम
मेरा गीत  अमर कर दो
बन जाओ मीत मेरे
मेरी प्रीत अमर कर दो

न उम्र की सीमा हो
न जन्म का हो बंधन
जब प्यार करे कोई
तो देखे केवल मन
नयी रीत चला कर तुम
ये रीत अमर कर दो

आकाश का सूनापन
मेरे तन्हा मन में
पायल छनकाती तुम
आ जाओ जीवन में
साँसें देकर अपनी
संगीत अमर कर दो
संगीत अमर कर दो
मेरा गीत अमर कर दो

- नमालूम
12.05.99