Sunday, June 8, 2014

फूल राहों में बिखर जाते हैं जब वो आते हैं

फूल राहों में बिखर जाते हैं जब वो आते हैं

चूमके कदम है झूमता मौसम
माहिया ये माहिया है नाचता छमा छम
धीमे-धीमे गाये घटा धीमे - धीमे गाये हवा
इक नशे में दिन गुजर जाते हैं जब वो आते हैं

फूल राहों में बिखर जाते हैं जब वो आते हैं

दर्द की गहराईयों में डूबता जाता दिल
डूबती कश्ती को अब तो मिल गया साहिल
धीमे-धीमे आये वो धीमे-धीमे आये हम
दिल में जगी शमा प्यार की
ख्वाब कितने ही डोल जाते हैं जब वो आते हैं

फूल राहों में बिखर जाते हैं जब वो आते हैं 

- नमालूम