Friday, June 6, 2014

मुहब्बत भी क्या चीज होती है यार

आँखों में नींद न दिल में करार
मुहब्बत भी क्या चीज होती है यार
कभी बेखुदी तो कभी इंतज़ार
मुहब्बत भी क्या चीज होती है यार

दर्द उठे प्यास जगे याद सताए
कोई सदा शामो सहर पास बुलाए
रात ढले धूप खिले आये सवेरा
चाहतों के आशियाँ में दिल का बसेरा
बेकरारी है जाने क्यूँ सनम
आँख है खुली नींद में हैं हम
हर घड़ी दिल में  कैसा ये खुमार

मैं तो तुझे एक भी पल भूल न पाऊं
जाने वफ़ा पास तेरे दौड़ी आऊँ
तू जो कहे रस्में सभी तोड़ दूँ सनम
तेरे लिए दोनों जहाँ छोड़ दूँ  सनम
रात न कटे न कटे ये दिन
कैसे कटेगी उम्र तेरे बिन
प्यार ज़िन्दगी में होता है एक बार